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IMP Diseases OF Jowar
GRAIN SMUT of sorgham:
causal organisam : sporisporisorghi
symptoms :short [or] grain smut
grains ARE replased
etiology :fungal tissue
control measures :seed treatment with sulphur
4g by 1 kg OR thiram 3g by 1 kg
use of resistant varieties.
causal organisam : sporisporisorghi
symptoms :short [or] grain smut
grains ARE replased
etiology :fungal tissue
control measures :seed treatment with sulphur
4g by 1 kg OR thiram 3g by 1 kg
use of resistant varieties.
LOOSE SMUT OF JOWAR DISEASE :
causal organisam : sporisorium curentum
symptoms :leafly OR leathery strucuture
etiology :disease is externally seeds
control measures : seed treatment with sulphur
4g by 1 kg
or
thiram 3g by 1 kg seeds
causal organisam : sporisorium curentum
symptoms :leafly OR leathery strucuture
etiology :disease is externally seeds
control measures : seed treatment with sulphur
4g by 1 kg
or
thiram 3g by 1 kg seeds
1.
downy mildew of sorghum :
causal organisam :peronosclerospora sorghi
symptoms : inearly stage of the crop the leaves beconeohdorotic on the upper surface
from the baseextending towards the tip.
the affected plant remains stunted.leaves becom pale yello with fine down yrowth
of the fungas . the sheddring of the leaves
is due to the pressure exerted by the oospore for medil in the leaf tissues in chain control measures : crop rotation
causal organisam :peronosclerospora sorghi
symptoms : inearly stage of the crop the leaves beconeohdorotic on the upper surface
from the baseextending towards the tip.
the affected plant remains stunted.leaves becom pale yello with fine down yrowth
of the fungas . the sheddring of the leaves
is due to the pressure exerted by the oospore for medil in the leaf tissues in chain control measures : crop rotation
2.
low
lying and water logged fielts
3.
use seeds from
disease free localicty
4.
treat the seeds
with metalazyl 5 -6 gram by 1 kg of seeds
spray
combination of metalaxy [0.02%]use a mancozeb
RUST OF
JOWAR :
causal organisam :puccinia purpurea cook
symptoms
:the first symptoms are small flecks on the
lowar leaves rust
pustules ,develop,
mainly on the
lowar leaves sarface whish
ruputre to release redish powdery masse
of uredosporos
Families of Rust
1.CRONARTIACEAE
2.PILEOLARIACEAE
2.PILEOLARIACEAE
RUST SCIENTIFIC
INFORMATION:
Kingdom:
Fungus
Phylum :
Basidiomycota
Class: Puccino
Mycetes
Order:
Pucciales
ETiOLOGY
:uredos pores are oval and arganeni in
coloured intermingled with clud shaped
or capitite ,coloured paraphes primary
infection of from alternate host
andsecondary through
uredosporese
management :as the
disease appaurs late in the season
after the earformation
the loos neglible
1.
carbendisem
1.
mancozeb
1.
zyhed
1.
thiram
1.
sulphur ,clorothallonil
साहित्य व साधने
साहित्य
बुरशी नाशक औषधे
रासायनिक ख़त
सेंद्य ख़त
मट्ल
बीज
साधने
नांगर
कुर्पा
टिकाव
कोल्पे
वीळा
टा्कटर
निरीक्षण
हर एक प्रकल्प के लिए
निरिक्षण करना बहुत जरूरी होता है |
मेरी शेती में singel crop
jowar के लिए स्वतः मेहनत किया है |
ज्वारी शेती को पानी के
जरुरत बहुत कम होती है |
सही टाइम में बारिश आने से
ज्वारी का क्रॉप बहुत जल्दी बड ने लगा है
ज्वारी crop को आने वाले
पुरे रोगों के बारे में मुझे बहुत आछा समज में आया है |
ओर उस रोगों को कैसा हेंडिल
करना वो बे मुझे मालूम हुआ है |
मेरे जोवर के crop को पुरा
rust ka disease आया है |
rust का रोग आने से जोवर के
फसल को बहुत नुकसान आता है |
ओर ये फसल कितने दिनों में
कितना hight हो ता उस ग्राफ बे प्र बनाया था |
एस पुरे जोवर के फसल को
पानी देना बहुत मुश्किल का काम है |
Soli Teasting के प्रमाण के
आनु सार ही उस फसल को खाद दियागा है |इस लिए ही जोवर बहुत अच्छा आया हैः |
मुझे सबसे जयदा इक किसान का
मेहनत कैसा रहता है ये मुझे
मालूम हुआ है
कृति
पहेले जमीन को मोज कर लिया है |उस के
बाद उसमे जोबी stones And Unwantad
plantsको निकाल दिया है | उस के बाद
टिकाव ओर कुदली से जमीन को खोदनी किया है
इसके कारन से ही मति भुसभुषित हुआ है |
उस के बाद soil Teasting किया है | उस
अनूसार ही मति में रासायनिक ओर सेंद्रिय
ख़त डाले थे इस लिए मति अच्छा मिक्स हुआ था |
ट्रक्टर को इस्तमाल करके जोवर के सीड्स को पूरा जमीन डाले थे | august पूरा
महीना बारिश अच्छा आने से जोवर का फसल बहुत अच्छा उगने लगा है |
पहेले 10 दस दिन unwanted plants को नीकाल दिया है |ओरदुसरे 20 दिन तक भी Unwanted Plants को
निकाल दिया है
एके दिवशी निंदनी करुण घेतली |
जोवर का फसल तयार होने के
बाद औक्टोम्बर ओर नवंबर में इस फसल को काटना अच्छा है |
90% उस जोवर को कनीज आने
बाद ही काटना है
अंदाज पत्र
अ.क्र
|
साहित्य का नाव
|
वजन
|
अंदाजखर्च
|
1
|
जोवर
|
20 Kg
|
800 only
|
2
|
ट्रक्टर
|
11/2 hours
|
3,500
|
3
|
3बुर्शिनाशक औषद
|
-------------------
|
-----------------
|
4
|
रसायनिकखाद
|
50 Kg
|
520 Only
|
5
|
सेंद्रीय खद
|
--------------------
|
-----------------
|
6
|
नंगर्नी
|
--------------------
|
------------------
|
7
|
टोटल
|
पूरा खर्च
|
4,820
|
खर्च पत्र
1
|
जोवार
|
20Kg
|
400 Only
|
2
|
ट्रक्टर
|
1 ½ hours
|
2,0000 Only
|
3
|
बुर्शिनाशक औषदे
|
-------------------
|
------------------
|
4
|
रासायनिक खद
|
50 Kg
|
320 Only
|
5
|
सेंदी्य खद
|
--------------------
|
----------------------
|
6
|
बैल गाड़ी
|
--------------------
|
----------------------
|
7
|
नंगरनि
|
--------------------
|
------------------------
|
8
|
टोटल
|
पूरा खर्च
|
2,720 Only
|
Complete information of Jowar
Jowar is the third important food crop of the country after rice and wheat
both in terms of area and production. It is an indigenous plant of Africa. The
plant has a tendency to be grown in adverse climatic conditions. Its grains are
rich in carbohydrate, protein, minerals and vitamin and hence provide cheap
food to a large section of the poor population. It is also used as fodder crop
in many parts of the country.
History Of Jowar
Sorghum, being a tropical crop, has its
history related to the hot and humid areas of the world. The cereal grain is
said to have originated around the present day Ethiopia as a wild grass as
early as 8000 years ago. The place where the crop was domesticated for the
first time is still a subject of controversy but it is believed that sorghum
spent the first 6000 years of its existence in a phase of ignorance as at that
time no one knew about the long list of uses it can offer. The cereal crop,
once adopted and cultivated, spread across the African continent especially the
regions of Egypt and Sudan.
Sorghum marked its
entry to the Asian continent in the first millennium when it was brought to
India for the first time and then it got popular among the other countries in
Asia as well. The weather conditions in the continent suited well for the
plantation and it started to get cultivated here. Slave trade in the newly
discovered America helped sorghum to get introduced into the new world and from
here on it got distributed in the rest of the world. At that time, it was
regarded as the food of poor and the slaves were fed on sorghum. With time and
increasing popularity, a number of new varieties of the grain were found and
many uses were also in .
प्रस्तावना
भारत में शेती एक मुख्य व्यवसाय है
उस में ग्रामीण इलाकों में 70 to 80 % के लोग हमेशा के लिए शेयी में व्यवसाय करते है
इसलिए भारत को क्रुशिप्रदान देश कहते है
भारत के शेती हमेशा बारिश के ऊपर निरबर हो कर रहता है
शेती में लेने वाले विविद फसलो से हम को अन्न मिल ता है
शेती में अन्न नहीं उगाया गया तो किसीको भी खाने के लिए अन्न नहीं मिलता है
इस कृत्रिम युग में हम सब लोग अन्न को पैसा से खरीद ते है
ओर उस से विविद प्रकार के पदार्थ बनाके उस का आनंद लेते है
लेकीन वह फसल कैसा बड ता है इस के लिए कितने लोगों के मेहनत करते है
ओर वह अन्न हमारे तक कैसा सा पहुंचता ता है ये पूरा विषथ के बारे मे तो कोइ भी सोच ताहि नहीं है
शेत में फसल का उत्पादन लेनेकी और वह सुरक्षा करने के कला हमको अवगत होने चाही ये
इस लिये मैंने शेती में एक पिक घेणे का प्रकल्प को
नियोजन
विज्ञानं
आश्रम के शती में मै ने सिंगिल क्रॉप के जोवर को ग्रोथ करने का प्रकल्प को हात
लिया था
उसी
टाइम में जमीन बहुत अस्तव्यवस्त सेथा | उस के बाद हमारे क्लास के सब students मिल
कर जमीन में जोभी unwanted plants को ओर stons निकाल दिए थे |
उस
पुराकाम करने बाद जमीन बहुत अच्छा दिका था |
उस
जमीन का थोडा सा माथि को लेकर soil teasting भि किया था |
soil
Teasting करने के बाद उस में गांदुल खादय डालाता उस के बाद जमीन का सुपिक ता बडगा
है
उस के बाद कृषिकेंद्र जाकर जोवर के बिज को खरीद कर लाया
है
उस के बाद उस जोवर के बीज
को बुरशी नाशक ओर कीटक नाशक
से सीज प्रक्रीया किया है |
ऐसा करने से जोवर के बीज को
कीड जलधि नहीं आता है |
इस लिए हम जो डाला हुआ फसल
कम दिनों में ही बहुत अच्छा
फसल आता है
इस लिए बीज दाल ने से पहेले
बीज प्रक्रिया करना बहुत जरुरी है |
प्रकल्प अव्हाल 2016 -2017
विभागाचे नाव : शेती व पशुपालन
विभागाचे नाव :- शेती व पशुपालन
प्रोजेक्टचे नाव :- सिंगेल क्रॉप जोवर
विद्यार्थ्याचे नाव :- रियाज़ बाशा
मार्गदर्शकाचे नाव :- दादासो सर
प्रोजेक्ट सुरु करण्याची तारीख :-9/8/2016
प्रोजेक्ट संपण्याची तारीख :- 11/8/2016
अनुक्रमणिका
No
|
तपशील
|
१
|
प्रस्तावना
|
२
|
उद्देश
|
३
|
साहित्य व साधने
|
४
|
पूर्वनियोजन
|
५
|
कृती
|
६
|
महत्व
|
७
|
अंदाज पत्रक / प्रत्येक्ष खर्च
|
८
|
निरीक्षण
|
९
|
अनुमान
|
१०
|
अडचणी
|
११
|
सूचना
|
१२
|
नोंदी
|
१३
|
फोटो
|
|
|
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